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लेखनी कहानी - पीछे मत मुड़ना - डरावनी कहानियाँ

पीछे मत मुड़ना - डरावनी कहानियाँ

 दोस्तों मेरा नाम विशाल प्रताप सिंह है और मै झारखंड के धनबाद का रहने वाला हु | वैसे धनबाद अपने लड़ाई दंगो के लिए प्रसिद्ध है लेकिन आज जो मै आपको किस्सा बताने जा रहा हु वो इससे जरा हटके है |  

 तो दोस्तों एक रात मै अपने गाँव से मेरे मित्र अवदेश के साथ अंधेरी रात में खेत के रास्ते बस स्टैंड की तरफ जा रहा था तो मेरे मित्र ने कहा दोस्त थोडा जल्दी चलो इस खेत से अगले दो खेतो तक थोड़ी समस्या है तो मैंने पूछा क्या बात है तो उसने बार बार बात को टाल दिया |  

 लेकिन मेरे ज्यादा दबाव डालने पर उसने पूरा किस्सा सुनाया | बहुत साल पहले अपने गाँव से रात को इन्ही खेतो से एक आदमी गुजर रहा था | रास्ते में वो पेशाब करने के लिए एक पेड़ के नीचे रुक गया | उसके बाद वो जैसे थोडा चला उसे किसी बच्चे के रोने की आवाज आयी |  

 तो उसने सोचा रात को पहरा देने वाले का बच्चा होगा लेकिन तभी याद आया कि ये खेत तो रामेसर काका है जो तीन साल पहले यहा फासी लगाकर मर गया | वह आदमी सहमे हुए कदमो से आगे बढता रहा और उसके दिमाग में उन लोगो की बाते याद आई कि इस खेत से गुजरते वक़्त रात को कभी पीछे मत मुड़ना , कोई रास्ता पूछे तो उसके आँखों और पाँव को मत देखना , कोई कितना भी बोले मत सुनना |  

 ये सब बाते दिमाग में सोचने से उस आदमी की हालत बहुत बुरी हो गयी और सोचने लगा कि उसने यहा आने से पहले ये सब क्यों नहीं सोचा | वो जैसे जैसे आगे बढता वैसे वैसे बच्चे की आवाज़ ओर तेज़ होती जाती और ऐसा लग रहा था जैसे वो उसके साथ ही चल रहा हो |  

 तभी अचानक उसने देखा कि एक पेड़ से बंधे झूले में बच्चा लेटा रो रहा था तो डरते हुए उसने आवाज़ लगाई कि ये किसका बच्चा है लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी | तो डर के मारे आगे बढ़ गया लेकिन बच्चे की किलकारी सुनकर उससे रहा नहीं गया और उसने पीछे मुडकर देख लिया तो उसने देखा वो बच्चा झूले में उसके पीछे पडा था |  

 रहम के मारे उसने उस बच्चे को गोद में उठाकर भागने लगा | थोड़ी देर बाद वो बच्चा उसे भारी लगने लगा |और देखकर चोंक गया कि उसके पैर लम्बे होकर जमीन को छूने वाले थे उसने घबराकर बच्चे को गोद से गिरा दिया |  

 जैसे ही वो बच्चा गोद से गिरा तो बच्चा बड़े आदमी की तरह जोर से हँसकर बोला तू आज तो बच गया अगर मेरे पैर जमीन छु लेते तो तुझे आज यहा कोई नहीं बचा सकता , तेरी मौत तय थी | ये कहते ही वो बच्चा गायब हो गया | वो इंसान गिरते पड़ते घर तक पंहुचा और घर पहुचते ही बेहोश हो गया |  

 जब उसे होश आया तो उसने गाँव वालो को ये सारी कहानी बताई | जैसे ही मैंने ये किस्सा सुना तो घबराहट के मारे बिना पीछे मुड़े ऐसा जोर से भागा और कभी उस प्रेत बाधित खेत से रात को नहीं गुजरा |

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